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लेखनी प्रतियोगिता -30-Dec-2022 लालच बुरी बला है


        लालच बुरी बला है
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       यह बात हम सभी अच्छी तरह जानते है  कि लालच बहुत बुरी बला है। लेकिन हम सभी यह जानते हुए भी इस लालच के चंगुल में फस जाते है।
  
         लालच पर आज तक बहुत सी कहानिया पढ़ चुके है परन्तु यह लालच हमारे खून मे  घुल  मिल कर उसी रंग  में मिल कर एक रंगहोगया है।

    इसीलाँच पर एक छोटी सी कहानी प्रस्तुत कर रहाहूँ यह कहानी शायद किसी ने कहीं पढी़ हो। 

    एक गाँव में तीन दोस्त रहते थे उनकी दोस्ती की पूरे गाँव में मिशाल दी जाती थी। तीनौ दोस्त एक दूसरे के सुख में शामिल न हुए हो लेकिन उसके दुःख में अवश्य शामिल भी होते थे और एक दूसरे का तन मन व धन से साथ देते थे। उनका नाम था सौनू मौनू और बन्टी

      वह अधिकतर साथ साथ ही रहते थे कोई उनको  ब्रह्मा विष्णु महेश कहकर पुकारता था तो कोई मजाक मे उन तीनौ को त्रिदोष का ना लेकर पुकारता था।

   लेकिन वह तीनौ किसी की बात का बुरा नही मानते थे। वह अपनी धुन में मस्त रहते थे।

  एक बार वह तीनौ गाँव से भाग दिल्ली आगये। कुछ दिन जब  तक उनके पास पैसा था  तब तक उनके दिन अच्छे गुजरते रहे । और जब तीनौ का पैसा खत्म होगया  तब उनको बहुत परेशानी आने लगी।

    उन तीनौ ने जगह जगह काम ढूढा़ परन्तु दिल्ली जैसे शहर में बिना जान पहचान के काम कौन देता है। फिर भी उनमें से बन्टी को एक घर में काम मिल गया। उस घर मे केवल बुड्ढा व बुढि़या रहते थे उनका बेटा कही विदेश में रहता था।

  सौनू व मौनू  मजदूरी करके अपना समय पास करने लगे  माता पिता के भय से घर जाने से काँपते थे। ़ वह तीनौ शाम को एक पार्क में आकर अवश्य मिल लेते  थे।

     बुजर्ग दम्पत्ति के घर काम करने वाला बन्टी जब बताता कि उन बुड्ढे बढि़या पर बहुत पैसाहै। तब सौनू व मौनू  के मन में लालच का बीज पैदा होने लगा। और वह सोचने  लगे कि इश बुड्ढे बुढि़या को मारकर पैसा लेकर भाग चले तब कितना आनन्द आयेगा।

     और उन दोनौ ने अपने तीसरे दोस्त के मनमें भी लालच का बीज अंकुरित कर दिया फिर क्या था एक दिन तीसरे दोस्त ने उनके खाने में नशा की दवाई मिलाकर उनको खाना खिला दिया।

     उसी समय वह दोनौ दोस्त भी वहाँ पहुँच गये और उन तीनौ ने मिलकर उनकी नकदी व सोना चाँदी एक बैग में भर कर चम्पत हो लिए।

 अब वह सोचने लगे यहाँ से किसी दूसरे शहर में चलते है। वह बोले आज किसी होटल में रुकते है कल रात को यहाँ से मुम्बई चलते है। और उन तीनौ ने एक होटल में कमरा किराये का ले लिया।

     बन्टी बोला तुम यही रहो मै यह सब  यहीं छोड़कर खाना लेने जारहा हूँ । इसका ध्यान रखना मै अभी आया। इतना कहकर वह खाना लेने चला गया।

      बन्टी के मन में बडा़ लालच आने लगा। व। सोचने लगा इन दोनौ का इस पैसे में क्या हक बनता है। मै इसके तीन हिस्से क्त्रौ करूँ और ऐसा सोचकर उसने एक दुकान से चूहा मारने की दवा खरीदी और जो खाना लाया उस सब्जी में मिला दी।

       होटल में बैठे सौनू व मौनू के मन मेंभी ऐसा ही लालच आगया और वह दोनौ आपस मे सलाह करने लगे कि बन्टी को अक्ल तो हमने बताई थी इस लिए  उसका हिस्सा क्यौ दें।

 और उन दोनौ ने उसको मारने का प्लान बना लिया बन्टी जैसे ही आया उसको सौनू ने पकड़ लिया और मौनू ने उसका गला दबा दिया। जिससे उसकी मौत होगयी।  अब बन्टी को उठाकर बाथरूम में बन्द करके वह दोनौ खाना खाने लगे खाने में जहर मिला हुआ था खाना खाकर दोनौ भी मौत के आगोस में चले गये।

      इस तरह लालच ने तीनौ को मार डाला। इसी लिए कहते है कि     "लालच बुरी बला है।  "  इससे बचना  चाहिए।

आज की दैनिक प्रतियंगिता हेतु रचना।

नरेश  शर्मा " पचौरी "


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4 Comments

Bahut hi khoobsurat

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Gunjan Kamal

03-Jan-2023 12:26 PM

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 🙏🏻🙏🏻

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Varsha_Upadhyay

30-Dec-2022 05:07 PM

बेहतरीन

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